हमारे भारत देश में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है. क्योंकि वह अपनों की खुशी के लिए अपनी खुद की खुशी तक को कुर्बान कर देती है. और चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी क्यों न हो उसका डटकर मुकाबला करती है.
इस बात का उदाहरण उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के जाख गांव की रहने वाली मंजू भंडारी ने दिया है. मंजू भंडारी की उम्र 42 साल है. मंजू भंडारी ने पिता की मौत के बाद ना केवल खुद को संभाला बल्कि परिवार की सारी जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ले ली और परिवार का पालन पोषण करने के लिए एक ऑल्टो कार खरीद कर उसे स्वयं ही चलाने का फैसला लिया.
पहाड़ के चुनौतीपूर्ण रास्तों में अल्टो कार चलाकर वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है. मंजू भंडारी ने बताया कि अपने छोटे भाई को रोजगार दिलाने के मकसद से उन्होंने पहले खुद टैक्सी चलाना शुरू किया. थे जब उन्हें टैक्सी बुकिंग से अच्छी कमाई होने लगी. तो उन्होंने अपने भाई के लिए भी एक वाहन खरीद लिया.
अब वह दोनों ही वाहन चलाकर बुकिंग से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. मंजू भंडारी ने बताया कि अपनी तीन बहनों के साथ-साथ वहां अपने भाई सोहन की भी शादी कर चुकी हैं. मगर अपने परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से वह खुद अभी तक कुंवारी है. देवभूमि उत्तराखंड की ऐसी बेटी को हम सभी शत शत नमन करते हैं.