भारतीय संस्कृति और सभ्यता हमेशा से ही लोकप्रिय रही है. यही कारण है कि आए दिन हमें यहां सुनने को आता है कि विदेशी लोग हिंदू धर्म व हिंदू रीति-रिवाजों को अपना रहे हैं. बल्कि बहुत से विदेशी लोगों हिंदू रीति-रिवाजों के साथ ही शादी के अटूट बंधन में बंद रहे हैं. इसी से मिलती-जुलती एक खबर उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ के मजीरकांडा गांव से सामने आ रही है. जहां के रहने वाले सुमित भट्ट ने कुछ ही दिनों पहले अमेरिका की रहने वाली टीना के साथ हिंदी रीति-रिवाजों के साथ शादी के अटूट बंधन में बंध गए.
ऐसे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई शादी से टीना बहुत ही ज्यादा खुश दिखाई दी और दोनों परिवारों में खुशी का माहौल है.इस अनूठी शादी ने पूरे क्षेत्र में काफी ज्यादा सुर्खियां बटोरी है. प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ के मजीरकांडा गांव के रहने वाले कृष्णानंद भट्ट के पुत्र सुमित भट्ट पिछले 4 साल से अमेरिका की एक आईटी कंपनी में काम करते हैं. जहां उनकी मुलाकात ब्रुसेल्स शहर की रहने वाली टीना से हुई.
जिसके बाद धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे. इसके बाद दोनों ने ही अपने परिजनों को अपनी पसंद के बारे में बताया. जिस पर दोनों के ही परिवारों ने अपनी हामी भर दी. बताया जा रहा है कि टीना हिंदू रीति-रिवाजों से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थी. जिस वजह से वह वैदिक परंपराओं के साथ शादी करना चाहती थी.
जिसके लिए वह भारत आई. जिसके बाद बीते मंगलवार को टीना और सुमित की मेहंदी की रसम पूरी हुई. जिसके बाद बुधवार को कासना गांव के शिवालिक बैंक्विट हॉल में सुमित और टीना ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर शादी के अटूट बंधन में बंध गए. इस दौरान आसपास की ग्रामीण महिलाओं ने पहाड़ी मंगल गीत गाया और सुमित की बरात में पारंपरिक छलिया नृत्य भी देखने को मिला.
इस शादी में लगभग डेढ़ सौ लोग उपस्थित थे. हालांकि टीना की तरफ से शादी में कोई भी उपस्थित नहीं हो पाया. क्योंकि टीना के पायलट पिता का निधन हो चुका है और उनकी मां और बड़ी बहन का स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वह भी यहां उपस्थित नहीं हो पाई. जिस वजह से ये टीना का कन्यादान खतेडा गांव निवासी प्रयाग दत्त भट्ट और उनकी धर्मपत्नी ने किया.