उत्तराखंड:पति पत्नी निकल थे नई कार में घूमने… कार हादसे में पति पत्नी दोनों की मौके पार ही मौत

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Tehri garhwal car fell in trench husband and wife died

जैसे जैसे हमारे पास धन आना शुरू होता है हमारे नए नए शौक भी शुरू हो जाते हैं फिर चाहे वो नया घर खरीदना हो या नया वाहन। हां दोस्तों हर कोई आदमी चाहता है कि उसके पास भी गाड़ी हो। वह एक एक रुपया बचाकर गाड़ी लेने की कोशिश करता है। ऐसे ही थे उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के कनकपाल सिंह जिन्होंने हाल ही में एक नई कार खरीदी थी लेकिन शायद उनकी खुशियां भगवान को लाज़मीं नहीं थी जिसके कारण वो आज हमारे बीच तो हैं लेकिन जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई लड़ रहे है। दरहशल कनकपाल सिंह आज सुबह अपनी पत्नी के साथ बाजार जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उनकी गाड़ी हादसे का शिकार हो गयी जिसमें तत्काल 2 आदमियों ओर उनकी पत्नी की मौके पर मौत हो गयी।

दोस्तों उत्तराखंड लगभग हर मामले में पीछे छूटता जा रहा उत्तराखंड में मुख्य रूप से जो चीज़ें आम इंसान के लिये जरूरी होती हैं वह तक सुलभ नहीं है। हां दोस्तों उत्तराखंड की दयनीय स्थिति का वीडियो आप देख लीजिये।उत्तराखंड में सड़कों की हालत ऐसी खस्ता है कि सड़कों पर खराब मौसम के दौरान गाड़ी सड़क पर उतरना यानी मौत को बुलावा देना। प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता जो सड़कें 10-15 साल पहले बनाई गई थी वह आज भी उपयोग में लायी जा रही है। सड़कों का कुछ डेवलोपमेन्ट ही नहीं हुआ है जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में कोई न कोई सड़क हादसा देखने को मिलता है।

इसी दौरान सड़क हादसे की ताजी घटना घनस्याळी टेहरी गढ़वाल से देखने को मिली है। जहां डांगी मुलगाड रोड पर पहले एक कार एक बुजुर्ग आदमी को टक्कर मरती है और इसके बाद खाई में गिर जाती है।इस दुर्घटना में उनकी पत्नी सुमति देवी और बुजुर्ग की मौत हो जाती है। बता दें कि 45 साल के कनकपाल सिंह कार चला रहे थे। जो अपनी पत्नी के साथ सुबह बाजार की तरह निकले जहां कार चालक ने अचानक नियंत्रण खो दिया और बुजुर्ग को टक्कर मारते हुए खाई में जा गिरी। जहां तुरन्त रेस्क्यू चलाया गया पता चला कि महिला की मौके पर मौत हो चुकी है लेकिन बुजुर्ग और चालक अभी जिंदा है दोनों को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया जिसमें बुजुर्ग ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। लेकिन कनकपाल का इलाज अभी चल रहा है। गांव वालों का कहना है कि कनकपाल गांव में महाविद्यालय का सन्चालन कर रहे हैं।जबकि उनकी पत्नी घनस्याळी में कम्प्यूटर सेंटर ओर जनसेवा केंद्र में कार्य करती थी। यह भी पढ़े:Garhwal Rifles: देश रक्षा की कसम खाकर 192 जवान भारतीय थल सेना में हुए शामिल

दुर्घटना के बाद से ही घर में दुख का मातम छाया हुआ है। बता दें कि यह कोई नई बात नहीं है कि उत्तराखंड में सड़क हादसे नहीं होते। सड़क हादसे उत्तराखंड में आम बात हो गये हैं। जहां अन्य राज्यों का प्रशासन अपने क्षेत्रों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है। वहां उत्तराखंड में पतली, गड्ढों वाली घटिया क्वालिटी की सड़कें है। जिनपर कोई ध्यान नहीं देता। उत्तराखंड की जनता ही सोई हुई है जो सरकार पड़ इस विषय को लेकर कोई दबाव नहीं डालती। सरकार चुनाव के समय तो बड़े बड़े वादे करती है लेकिन जैसे ही चुनाव जीत जाती है। उसके बाद सब कुछ भूलकर दिखाई भी नहीं देती। साफ साफ कह रहे है कि इन हालातों में उत्तराखंड कभी विकसित नहीं हो सकता। यहां पलायन बढ़ता ही रहेगा। एक समय ऐसा आएगा जिसमें कि उत्तराखंड की जनसंख्या बहुत कम हो जाएगी। दोस्तों सोचना आपको है कि आप सरकार को किस तरह से समझा बुझाकर उनके कार्य के प्रति उनमे दबाव डाल सकते हैं। वैसे आपके लिए एक वीडियो है इसी टॉपिक से जुड़ी देख जरू लें।हां यह कहना गलत होगा कि सड़क हादसे में गलती चालक की नहीं थी लेकिन हम बात पूरे उत्तराखंड की उठा रहे है दोस्तों सहमत हैं तो शेयर करें।

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