
उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर से बदलने वाला है, जहां देहरादून समेत 6 जिलों में 4 मार्च से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन (एवलांच) के कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो गए हैं और आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए तैयार हैं। आपको बता दे कि उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में सोमवार को मौसम साफ रहा, जबकि कुछ क्षेत्रों में बादल छाए रहे और ठंडी हवाएं चलीं।
मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक, मंगलवार को देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बारिश की संभावना है। इसके बाद एक हफ्ते तक मौसम साफ रहने की उम्मीद है। वहीं नैनीताल में मंगलवार को सुबह से ही घने बादल और धुंध छाई हुई है, जो कि मौसम में बदलाव का संकेत दे रही है। इससे पहले धूप खिलने से मौसम सुहावना बना हुआ था। इसके साथ साथ सुबह से ही बादलों की छाया के कारण ठंडक महसूस की जा रही है और तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शहर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
चम्पावत में मंगलवार की सुबह हल्की बारिश होने से तापमान में कमी आई और कड़कड़ाती ठंड के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं मौसम की करवट बदलने से ठंड बढ़ गई है। जिला आपदा नियंत्रण कक्ष की जानकारी के अनुसार, चम्पावत में 0.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जिससे ठंड में वृद्धि हुई है। अल्मोड़ा और आसपास के क्षेत्रों में रात में हुई बारिश के कारण तापमान में कमी आई। मंगलवार सुबह भी आसमान में हल्के बादल छाए रहे, जिससे मौसम ठंडा बना हुआ है। पर समय बीतने के साथ आसमान साफ हो गया और धूप निकल आई, जिससे लोगों को राहत मिली। पिथौरागढ़ में भी मौसम ने फिर से करवट बदली है।
मंगलवार को मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पंचाचूली, राजरम्भा, हसलिंग, छिपलाकेदार, मिलम, लास्पा आदि में ताजा बर्फबारी हुई है। वहीं निचले इलाकों में भी बादल छाए हुए हैं। बर्फबारी के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है, जिला मुख्यालय में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसके साथ ही भवाली गांव की सड़क चार दिनों से बंद पड़ी है, और मंगलवार सुबह तक मलबा नहीं हटाया जा सका। इससे स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों को मलबे को पार करके जाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान नीमा बिष्ट ने कहा कि बारिश के बाद सड़क पर लगातार मलबा गिरता रहा, जिससे ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है। मलबा साफ न होने से बच्चे और ग्रामीण जोखिम भरा सफर तय कर बाजार और स्कूल जा रहे हैं। इसके अलावा कई टैक्सी वाहन भी चार दिनों से गांव में फंसे हुए हैं।