भारत देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बहुत ही ज्यादा बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. भारत के द्वारा चलाए गए chandrayaan-3 मिशन कामयाब हो गया है और चंद्रयान चांद पर सकुशल तरीके से लैंड हो गया है. इस खबर के बाद से पूरे देश में खुशी का माहौल बना हुआ है. झारखंड के युवा वैज्ञानिक आयुष झा भी इस मिशन में शामिल थे.आयुष पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर शहर के रहने वाले हैं. आयुष चंद्रयान मिशन 3 में बतौर इसरो वैज्ञानिक काम कर रहे थे. chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग कराने वाली टीम में आयुष एक अहम भूमिका निभा रहे थे.
आयुष झां के स्कूल प्रिंसिपल का यह कहना है कि आयुष सिर्फ chandrayaan-3 मिशन में ही शामिल नहीं हुए हैं बल्कि chandrayaan-2 मिशन में भी उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका थी. आयुष के स्कूल प्रिंसिपल ने आयुष से यह अपील भी की है कि एक दिन वह स्कूल जरूर आएं ताकि अन्य बच्चे भी उनसे प्रेरणा ले सकें. इसरो वैज्ञानिक आयुष झा के पिता ललन कुमार झा चक्रधरपुर में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे और उनकी मां विनीता झा हाउस वाइफ हैं.
आयुष झा ने पश्चिमी सिंहभूम के जवाहर नवोदय विद्यालय से दसवीं करने के बाद डीएवी बिष्टुपुर से 12वीं पूरी की है. जेईई में सफलता पाने के बाद आयुष ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है.बुधवार के दिन 23 अगस्त 2023 को भारत का चंद्रयान चांद के साउथ पोल पर सकुशल लैंड हो गया है. इस पर इसरो ने ट्वीट कर बधाई भी दी है और साथ ही ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया है.
विक्रम लैंडर की लैंडिंग के लाइव टेलीकास्ट में पीएम मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो के केंद्र से जुड़े हुए थे.जिसके बाद पीएम मोदी ने पूरे देश को बधाई देते हुए यहां कहा कि जब भी हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हम बहुत ही ज्यादा गौरवान्वित हो जाते हैं. यह एक नए भारत का सूर्य उदय है. हमने इस धरती पर लिए संकल्प को चांद पर साकार कर दिखाया है. भारत अब चांद पर है.