अगर भारत ने समय पर लॉकडाउन नहीं किया होता तो अब तक अमेरिका से ज्यादा होते मरीज, पढ़िए पूरी खबर…

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Covid-19

ऐसा दावा किया जा रहा है कि अगर भारत मे लॉकडाउन न किया गया होता तो हमारे देश मे 15 अप्रैल तक कोरोना संक्रिमितो की संख्या 8,20,000 हो जाती, कोरोना से संक्रिमित मामलों में अमेरिका, इटली और स्पेन सबसे ऊपर है लेकिन अगर इन देशों में कोरोना से संक्रमित सभी लोगो को मिलाकर देखा जाए तो भी वो भारत की इस संभावित संक्रमितों की संख्या से कम है।अमेरिका, स्पेन और इटली में अब तक कोरोना के कुल मिलाकर 8,10,500 संक्रिमित मामले है यानी भारत की संभावित संख्या से अभी भी लगभग 10,000 कम।

24 मार्च को जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस लॉकडाउन की घोषणा की थी तब शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि 21 दिनों का ये लॉकडाउन भारत को कितनी बड़ी मुसीबत से बचाने जा रहा है, लॉकडाउन के 17 दिनों के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन ने भारत को काफी हद तक बचा लिया है।

इस चौंकाने वाले आँकड़े को विदेश मंत्रालय के अधिकारी विकास स्वरूप ने विदेशी पत्रकारों के साथ साझा किया है जिसमे उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन न होता तो भारत की हालत काफी खराब हो जाती और 15 अप्रैल 2020 तक 8,20,000 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके होते हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय 8,20,000 के संभावित मामलों के दावे के ऊपर अभी तक चुप है।

बता दे भारत की इस लॉकडाउन की तारीफ ब्रिटैन की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में भी की गई, इस रिसर्च के मुताबिक भारत ने कोरोना के खतरे को रोक दिया है और इस रिसर्च ने भारत को कोरोना के खिलाफ जंग में 100 में से 100 अंक दिए हैं।

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