‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज क्रिस गेल ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपने करियर के दौरान नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा और क्रिकेट भी इस खतरे से अभी मुक्त नहीं हुआ है। हालांकि गेल ने विस्तार से नही बताया कि उन्हें कहाँ कहाँ इन चीजों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि यह वैश्विक टी 20 लीग के दौरान होता था।
उन्होंने सोमवार रात को ट्विटर पर पोस्ट किया, “मैंने दुनिया की यात्रा की है और मैंने मेरे बारे में नस्लीय टिप्पिनियों का भी सामना किया है क्योंकि मैं काला हूं। नस्लवाद केवल फुटबॉल में नहीं है, यह क्रिकेट में भी है। यहां तक कि एक काले आदमी के रूप में टीमों के भीतर, मुझे छड़ी का अंत मिलता है। मुझे अपने काले और शक्तिशाली होने पर गर्व है।”
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— Chris Gayle (@henrygayle) June 1, 2020
क्रिस गेल ने यह बयान अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद दिया है। दरअसल एक सफेद पुलिस अधिकारी डेरेक चाउव ने जॉर्ज का गला अपने घुटने से दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। जॉर्ज डेरेक से रहम की दुहाई मांग रहा था लेकिन डेरेक ने उसकी एक न सुनी और अंत में जॉर्ज की सांस न आने से मौत हो गयी। इस घटना से पूरे अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अश्वेत लोगों का जीवन किसी भी अन्य जीवन की तरह ही मायने रखता है।
क्रिकेट में जातिवाद पर पिछले साल सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया गया था जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को न्यूजीलैंड में एक दर्शक ने गाली दी थी। न्यूजीलैंड के शीर्ष खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड ने इस घटना के लिए जोफरा आर्चर से माफी भी मांगी थी। इसके अलावा सोमवार रात को, इंग्लैंड क्रिकेट टीम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक संदेश पोस्ट किया जिसमें नस्लवाद की निंदा की गई थी।
We stand for diversity,
We stand against racism. pic.twitter.com/onhWj07n2i
— England Cricket (@englandcricket) June 1, 2020