
पहाड़ों में नशाखोरी की समस्या समाज के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है, जो न केवल युवाओं को बर्बाद की ओर ले जा रही है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी तोड़ रही है। तो वहीं अल्मोड़ा के लमगड़ा ब्लॉक के ग्राम सत्यों में नशाखोरी के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन शुरू हुआ है, जिसमें स्थानीय लोग सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
साथ ही गांव के लोगों ने यह प्रण लिया है कि वे किसी भी समारोह में शराब का सेवन नहीं होने देंगे और ऐसे आयोजनों का बहिष्कार करेंगे जहां शराब परोसी जाएगी। गांव में शराब के सेवन को रोकने के लिए सामूहिक बहिष्कार की रणनीति अपनाई जाएगी, जिसमें शराब परोसने वाले परिवार के किसी भी कार्यक्रम में गांव वाले शामिल नहीं होंगे। बता दे कि नशे की लत से समाज में हिंसा, तनाव और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, और युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है।
आजकल के समारोहों में शराब का सेवन बढ़ता जा रहा है, और यह समस्या अब शहरों से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच गई है। ग्रामीणों ने एकजुट होकर निर्णय लिया है कि वे शुभ कार्यों में शराब परोसने वालों का बहिष्कार करेंगे, जिससे समाज में शराब की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके।
बैठक में ग्रामीणों ने एकजुट होकर शराब के खिलाफ अभियान को सफल बनाने के लिए सभी से समर्थन की अपील की। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं मौजूद रहीं। साथ ही बैठक में ग्रामीणों ने गौचर और बंजर भूमि के संरक्षण के साथ-साथ बाहरी व्यक्तियों के लिए पानी की सप्लाई पर भी रोक लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।