डोबरा चांठी पुल:- भारत जा सबसे लंबा पुल जो लगभग त्यार हो चुका है। दोस्तों टेहरी झील पर बन गया है भारत का सबसे लंबा झूला पुल, जिसका नाम है डोबरा चांठी पुल इसकी खासियत जानने के लिये इस खबर को अंत तक पढ़ें। टिहरी झील ने कम से कम समय में पर्यटन के क्षेत्र में खुद को एक बेहतर टूरिस्ट डेस्टिनेशन साबित कर लिया,टिहरी झील बनने के लिए टिहरी को अपना बलिदान देना पड़ा तब जाकर यह झील बन पाई है। इसके साथ लोगों को नई टिहरी में बसा लिया गया लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हुई दरहशल टिहरी डैम बनने के बाद प्रताप नगर क्षेत्र और उत्तरकाशी जिले के गादना पट्टी के गांव अलग थलग पड़ गई इन इलाकों के लोगों द्वारा टिहरी को प्रताप नगर क्षेत्र से जोडने के लिए लगातार मांगे की जा रही थी।
इन क्षेत्रों की जनसंख्या लगभग 2-3 लाख के बीच में है जिनको टिहरी जिला मुख्यालय पैदल जाने में बड़ी कठिनाई हो जाती हैं। पुल का निर्माण कार्य अपने आखिरी चरम पर है औऱ इस पुल के बन जाने से यहां के लोगों को काफी फायदा होगा। औऱ जिला मुख्यालय जाने के लिए 50-80किमी० दूरी में कमी आएगी। प्रताप नगर के लोग साल 2006 से ही इस पुल की राह देख रहें हैं कभी अर्थ की कमी और कभी तकनीकी रुकावटों की वजह से इस पुल का काम अटकता रहा है।
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दरहशल टिहरी बांध बनने के बाद प्रताप नगर आवाजाही के लिये तमाम पुल झील में समा गए थे। इसलिये यहाँ के लोगों की मांग के अनुसार 2006 में इस पुल को बनाने की स्वीकृति मिली थी, लेकिन तमाम अड़चनों के कारण इस पुल को बनने में 14 साल लग गए लेकिन अब पुल के दोनों हिस्से जुड़ गए हैं जिसमें लोगों की उम्मीदें जगी है। देखिए पुल की विशेषताएं इस वीडियो में।
पुल की रूप रेखा:-इस पुल की लंबाई 724 मीटर है जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज है और 260 मीटर आर सीसी डोबरा साइड है।पुल की कुल चौड़ाई 7 मीटर है जिसमें मोटर मार्ग की कुल चौड़ाई 5.5मीटर है । और दोनों तरफ फुटपाथ 75-75 सेंटीमीटर के बनाये गए हैं।
पुल की क्षमता -कई अन्य संस्थाओं के असफल हो जाने के बाद कोरियाई कंपनी को इस पुल की जिम्मेदारी दी है। बताया जा रहा है कि पुल पर 16 टन से ज्यादा वजनी वाहनों को जाने की अनुमति नहीं होगी।