पिछले वर्ष जम्मु कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 24 वर्षीय बालकृष्ण शहीद हो गये थे। वह कुल्लू जिले की खराहल घाटी के निवासी और पैरा कमांडो में भी थे। 4 अप्रैल को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में वह शहीद हो गये। इसके बाद शहीद के परिजनों और ग्रामीण वासियों से सरकार और प्रशासन से मांग की। उन्होंने कहा कि शहीद के नाम पर महाविद्यालय, बस स्टैंड, चौक या किसी अस्पताल का निर्माण हो। प्रशासन ने आश्वासन जरूर दिया लेकिन किया कुछ नहीं।
इंतजार करते करते पूरा एक साल हो गया लेकिन कुछ हुआ नहीं। अब शहीद के परिजनों ने खुद ही प्रशासन को आइना दिखाने की ठानी। उन्होंने लाखों रूपये खुद से खर्च कर शहीद की एक प्रतिमा लगायी। शहीद के पिता ने बताया कि वे इस विषय पर कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर और कई नेताओं से भी मिले लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। बता दें, बिलासपुर में शहीद संजीव कुमार के नाम पर एक कॉलेज का नाम रखा गया है। लेकिन प्रशासन ने सिर्फ आश्वासन दिया है और कुछ नहीं।
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पूईद पंचायत के प्रधान सर चंद ने भी कहा कि डीसी कुल्लू ऋचा वर्मा ने भी शहीद के परिजनों को आश्वासन दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि शहीद बालकृष्ण के नाम पर स्मारक बनाया जायेगा। प्रशासन ने तो कुछ किया नहीं लेकिन परिजनों ने कुल्लू में ही शहीद की एक प्रतिमा बना डाली। प्रतिमा बनाने में लाखों रुपये भी खर्च हुए हैं। इन रुपयों में से एक भी रुपये प्रशासन ने नहीं दिये हैं।