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नए साल पर देहरादून-मसूरी आ रहे हैं घूमने, तो अच्छे से देख लें ये रूट प्लान

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If you are coming to Dehradun-Mussoorie for the new year, then definitely check out this route plan
If you are coming to Dehradun-Mussoorie for the new year, then definitely check out this route plan (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड पुलिस ने नए साल के जश्न के दौरान देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश और अन्य पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों के लिए आसान यातायात प्रबंधन हेतु एक विस्तृत रूट प्लान जारी किया है। इस प्लान का उद्देश्य ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचना, यातायात को आसान बनाना और पार्किंग की बेहतर व्यवस्था करना है।  

1. रूट प्लान: दिल्ली से मसूरी आने के लिए सहारनपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश होते हुए कई रूट तय किए गए हैं। अधिक ट्रैफिक होने की स्थिति में वैकल्पिक रूट का प्रावधान भी है।  

2. डायवर्जन पॉइंट और बैरियर: आशारोड़ी, कुठालगेट, आईटी पार्क जैसे स्थानों पर ट्रैफिक कंट्रोल पॉइंट बनाए गए हैं।  

3. शटल सेवा: यातायात को सुगम बनाने के लिए किंग क्रेग, गज्जी बैण्ड और कुठाल गेट से शटल सेवा उपलब्ध होगी। पर्यटक अपनी गाड़ी निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ी कर शटल सेवा से अपने गंतव्य स्थान तक जा सकेंगे। 

4. पार्किंग व्यवस्था: पिक्चर पैलेस, किंग क्रेग और अन्य होटल एवं नगरपालिका के पार्किंग स्थल पार्किंग के लिए उपलब्ध रहेंगे। पार्किंग फुल होने की स्थिति में अतिरिक्त प्लान लागू किए जाएंगे।  

5. भारी वाहनों पर रोक: मसूरी में भारी वाहनों का प्रवेश 31 दिसंबर 2024 और 1 जनवरी 2025 को सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक बिल्कुल प्रतिबंधित रहेगा। आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छूट दी जाएगी।  

 

6. कड़ी निगरानी: शराब पीकर गाड़ी चलाने और यातायात नियमों के उल्लंघन पर पुलिस की सख्त पैनी नजर रहेगी।  

विशेष निर्देश:  पर्यटकों से अनुरोध है कि वे यात्रा से पहले रूट प्लान और पार्किंग व्यवस्था को बड़े ध्यानपूर्वक देखें, पुलिस के निर्देशों का पालन करें, और शटल सेवाओं का उपयोग करें। ये सभी प्रबंध नए साल के जश्न को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए किए गए हैं।

एक दिन के लिए रानीखेत की SDM बनेगी अल्मोड़ा की बबीता परिहार

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Almora's Babita Parihar will become SDM of Ranikhet for a day
Almora's Babita Parihar will become SDM of Ranikhet for a day (Image Source: Social Media)

अल्मोड़ा जिले की रानीखेत की बेटी बबीता परिहार ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर 24 दिसंबर को एक दिन के लिए रानीखेत की एसडीएम बनने का बड़ा अवसर प्राप्त किया है।

यह विशेष पहल समाज में बेटियों को प्रेरित करने और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के महान उद्देश्य से की गई है। बबीता ने गवर्नमेंट इंटर कॉलेज चमुधार में आयोजित सीनियर वर्ग की प्रतियोगिता में यह बड़ी सफलता हासिल की है। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखती हैं। इस उपलब्धि के बाद उन्हें लगातार बधाई मिल रही है।

नौकरी करने उत्तराखंड से दिल्ली गया था युवक, वहां रचा ली दूसरी शादी…

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Young man went from Uttarakhand to Delhi for job married marriage second time
Young man went from Uttarakhand to Delhi for job married marriage second time (Image Source: Social Media)

हल्द्वानी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला का पति दिल्ली में नौकरी का बहाना बनाकर घर से गया और दो महीने से उसका कोई संपर्क नहीं हो पाया। महिला ने परेशान होकर अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।

नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के मुखानी थाना क्षेत्र से यह घटनाक्रम जुड़ा है। महिला के अनुसार, उसका पति 4 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में नौकरी के लिए रवाना हुआ था। आखिरी बार दोनों की बात 23 अक्टूबर को हुई थी। इसके बाद से पति गुमशुदा है।

महिला ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

देवर ने किया चौंकाने वाला खुलासा

बीते 14 नवंबर को महिला के देवर ने फोन पर अपनी मां को बताया कि उसका बड़ा भाई दूसरी शादी कर चुका है। जब महिला ने इस बारे में पूछा, तो देवर ने पुष्टि की कि उसके भाई ने किसी अन्य महिला के साथ विवाह कर लिया है।

मध्य प्रदेश पुलिस का हस्तक्षेप

25 नवंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने हल्द्वानी पहुंचकर महिला और उसके परिवार से पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि उसका पति मध्य प्रदेश की एक महिला को लेकर फरार है, जिसकी गुमशुदगी का केस वहां दर्ज है।

महिला ने बताया कि उसे अपने पति की सुरक्षा की चिंता हो रही है, जबकि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

यह घटना समाज में रिश्तों की गिरती साख और पारिवारिक तनाव को उजागर करती है। पुलिस से उम्मीद है कि वे जल्द मामले का निपटारा कर सच्चाई सामने लाएंगे।

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड में मौसम विभाग का अपडेट, 5 जिलों में अगले 2 दिन बरसेंगे बादल

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Weather department alert on this week In Uttarakhand
Weather department alert on this week In Uttarakhand (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है, और आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया है। इस वजह से प्रदेश में कड़ाके की ठिठुरन बढ़ने की संभावना है।ठं

ठंड और पाले की समस्या बढ़ी

इन दिनों उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में पाला पड़ने से ठंड और ज्यादा बढ़ गई है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में कोहरा और शीतलहर ने लोगों का जनजीवन बहुत प्रभावित किया है। ठंड के कारण किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही हैं।

मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान केंद्र ने 22 दिसंबर को प्रदेश के 11 जिलों में पाला पड़ने का **येलो अलर्ट** जारी किया है। देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी, चंपावत, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, और बागेश्वर जिलों में पाले का असर दिखता रहेगा।

23 और 24 दिसंबर: पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी भी हो सकती है।

27 और 28 दिसंबर: पहाड़ और मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी की संभावना।

31 दिसंबर तक: प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने के संकेत हैं। पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

तापमान की स्थिति

देहरादून: अधिकतम 24.4°C, न्यूनतम 5.6°C

नई टिहरी: अधिकतम 17.0°C, न्यूनतम 4.5°C

-मुक्तेश्वर: अधिकतम 14.6°C, न्यूनतम 3.8°C

– पंतनगर: अधिकतम 24.5°C, न्यूनतम 3.8°C

क्या करें?

मौसम विभाग ने ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर पाले और शीतलहर के दौरान सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का उपयोग अवश्य करें। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है।

उत्तराखंड में मौसम की यह करवट आने वाले दिनों में जनजीवन पर बड़ा असर डाल सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नए साल से दौड़ने लगेंगे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर वाहन, अब देहरादून से दिल्ली केवल ढाई घंटे में…

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Delhi dehradun expressway latest update first phase may start from January
Delhi dehradun expressway latest update first phase may start from January (Image Source: Social Media)

लंबे समय से प्रतीक्षित देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे जल्द ही आम जनता के लिए खुलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने की संभावना है। यह एक्सप्रेसवे अपनी अनूठी विशेषताओं और एशिया के सबसे बड़े वाइल्डलाइफ कॉरिडोर के लिए सुर्खियों में है।

एक्सप्रेसवे की खासियतें

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किलोमीटर है। यह दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर देहरादून के आशारोड़ी तक फैला है। यह हाईवे न केवल यात्रा के समय को घटाकर ढाई घंटे करेगा, बल्कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस एक सहज, आरामदेह और तेज सफर का अनुभव भी देगा।

फेज 1: अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल वे तक का पहला चरण अगले महीने तक शुरू हो सकता है।

फेज 2:दो हफ्ते बाद देहरादून के वाइल्डलाइफ कॉरिडोर के उद्घाटन की संभावना है।

वाइल्डलाइफ कॉरिडोर की खासियत

सहारनपुर के गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी तक 14 किलोमीटर लंबा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर इस प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण है। 12 किलोमीटर लंबा यह हिस्सा वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पर्यावरणीय संतुलन बनाएगा। घने जंगलों और पहाड़ों के बीच से गुजरने वाला यह कॉरिडोर यात्रियों के लिए नया अनुभव होगा।

स्मार्ट सुविधाएं और तकनीक

– आधुनिक स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से हर वाहन की निगरानी।

– फूड कोर्ट, फ्यूल स्टेशन और पार्किंग जैसी आधुनिक स्मार्ट सुविधाएं।

– एलिवेटेड रोड्स के माध्यम से यातायात को सुगम व सरल बनाया गया है।

यात्री अनुभव और पर्यावरण पर असर

इस हाईवे के जरिए मेरठ, दिल्ली और सहारनपुर से आने वाले वाहन अब सीधा गणेशपुर से देहरादून में प्रवेश कर सकेंगे। इसके साथ ही यह परियोजना वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाए बिना पर्यावरण संरक्षण के लिए नई मिसाल पेश करेगी। यह एक्सप्रेसवे उत्तराखंड और दिल्ली के बीच कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जाएगा और क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

 

 

 

 

 

 

दिल्ली-कर्णप्रयाग रूट पर जल्द दौड़ेगी रोडवेज बस, यात्रियों की परेशानी होगी दूर, ढाई साल पहले हुई थी बंद…

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Roadways bus service will start soon on Delhi-Karnprayag route
Roadways bus service will start soon on Delhi-Karnprayag route (Image Source: Uttarakhand Roadways)

उत्तराखंड परिवहन निगम एक बार फिर दिल्ली से चमोली जिले के कर्णप्रयाग रूट पर बस सेवा शुरू करने जा रहा है। ढाई साल से बंद इस सेवा के शुरू होने से यात्रियों को राहत की सांस मिलने की उम्मीद है। यह बस सेवा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि दिल्ली से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी।

क्यों बंद हुई थी बस सेवा?

करीब ढाई वर्ष पहले ऋषिकेश डिपो ने बसों की कमी के चलते दिल्ली से कर्णप्रयाग कालेश्वर रूट पर बस संचालन बंद कर दिया था। हालांकि इस रूट पर यात्रियों की काफी अच्छी खासी संख्या रहती थी। इस वजह से स्थानीय लोग लंबे समय से बस सेवा बहाल करने की मांग कर रहे थे।

नई शुरुआत का निर्णय

ऋषिकेश डिपो को हाल ही में दो नई बसें मिली हैं, जिसके बाद डिपो प्रशासन ने इस रूट पर बस संचालन दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है। बस सेवा आगामी बुधवार से शुरू होने की संभावना है।

यात्रियों को मिलेगा लाभ

 नई बस सेवा से यात्रियों को बेहतर,आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। दिल्ली से कर्णप्रयाग की सीधी सेवा शुरू होने से यात्रियों का समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो पहाड़ी क्षेत्रों में नियमित यात्रा करते हैं।

स्थानीय निवासियों की खुशी

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रूट पर बस संचालन शुरू होने से उनकी कई समस्याओं का समाधान होगा। नई बस सेवा के तहत यात्रियों को सुरक्षित,सुगम और आरामदायक सफर का भरोसा दिलाया जा रहा है। यह कदम उत्तराखंड परिवहन निगम की यात्री सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उत्तराखंड: सिपाही से लेफ्टिनेंट बने नीरज बिष्ट, मां ने कहा भारत माता को सौंप दिया अब अपना लाल

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Almora's Neeraj Bisht became lieutenant from soldier
Almora's Neeraj Bisht became lieutenant from soldier (Image Source: Social Media)

अल्मोड़ा के जैंती तहसील के सिलपड़ के रहने वाले नीरज बिष्ट ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह साबित कर दिया कि सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन ही कुंजी है। 2019 में सेना के सिग्नल कोर में राइफलमैन के पद पर भर्ती हुए नीरज ने सेना कमीशन परीक्षा पास कर शनिवार को देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया।

बचपन का सपना और अटूट मेहनत

नीरज ने जबलपुर से इंटरमीडिएट के बाद सेना में कदम रखा। बचपन से ही उनका सपना सेना में अफसर बनने का था। राइफलमैन पद पर रहते हुए भी उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और दिन-रात मेहनत जारी रखी। सुबह-शाम की पीटी, ड्यूटी और थकावट के बावजूद उन्होंने पढ़ाई का क्रम बनाए रखा।

पिता की सीख बनी प्रेरणा

नीरज के पिता, बची सिंह बिष्ट, जो खुद सेना के सिग्नल कोर में सूबेदार के पद से 2021 में रिटायर हुए, हमेशा कहते थे, “कड़ी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।” इस बात को नीरज ने गांठ बांध लिया और हर कठिनाई को पार कर आज लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया।

परिवार का गर्व और मां का बलिदान

नीरज के पिता को अपने बेटे पर गर्व है। वहीं, मां अनीता देवी ने कहा, “मैंने अपना लाल अब भारत माता को सौंप दिया है।” नीरज की सफलता ने पूरे क्षेत्र को प्रेरित किया है।

नीरज की यह उपलब्धि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो कम संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

आज उत्तराखंड के 5 जिलों में बारिश-बर्फबारी का अलर्ट, लोगों को परेशान करेगी शीतलहर

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Uttarakhand weather report 18 December
Uttarakhand weather report 18 December (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड में मौसम लगातार ठंडा,चुनौतीपूर्ण और कठिन होता जा रहा है। प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के चलते शीतलहर का प्रकोप अधिक हो गया है। मौसम विभाग ने 18 दिसंबर को राज्य के 5 जिलों – **चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर** में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है।

आज का मौसम

3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना के चलते इन जिलों में अधिक ठंडा मौसम तथा शीतलहर और तेज़ हो सकती है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में बर्फबारी का यह नया दौर प्रदेश के कई इलाकों को प्रभावित करेगा।

बर्फबारी का असर

बदरीनाथ में ठंड के कारण झरने एवं पानी के स्त्रोत जम चुके हैं। केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, हर्षिल और औली जैसे इलाकों में बर्फबारी ने ठंड को और बढ़ा दिया है। पर्यटक स्थल मसूरी में भी पर्यटक बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

आने वाले दिनों का अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला यूंही जारी रह सकता है। इसका असर मैदानी इलाकों तक महसूस किया जा सकता है।

मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। ठंड और शीतलहर से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल अवश्य करें। आवाजाही और अनावश्यक यात्रा से बचें।

 

 

 

 

उत्तराखंड के वैभव बिजल्वाण का राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में चयन, प्रदेश के एकमात्र छात्र बने

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Vaibhav Bijalwan of Uttarakhand selected for National Indian Military College, became the only student of the state
Vaibhav Bijalwan of Uttarakhand selected for National Indian Military College, became the only student of the state

देहरादून: राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में पढ़ने का सपना हर साल लाखों युवा बच्चे देखते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही को मिलती है। उत्तराखंड के वैभव बिजल्वाण ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में चयनित होकर पूरे राज्य का मान सम्मान बढ़ाया है। देशभर के छात्रों में से केवल वैभव उत्तराखंड से चयनित किए गए हैं। उनकी इस उपलब्धि ने प्रदेश को गर्व का एक और अवसर दिया है।

परिवार और शिक्षा पृष्ठभूमि

वैभव बिजल्वाण के पिता, जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण, उत्तरकाशी स्थित एसडीआरएफ (उत्तराखंड पुलिस) की सी कंपनी में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हैं। वहीं, उनकी मां, निर्मल बिजल्वाण, देहरादून में साइबर सेल, एसएसपी कार्यालय में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

खेल और पढ़ाई में बैलेंस

12 वर्षीय वैभव पढ़ाई के साथ-साथ एक होनहार फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने देहरादून के सेंट पैट्रिक अकादमी, क्लेमेंटाउन में 7वीं कक्षा में पढ़ाई करते हुए फुटबॉल का अभ्यास जारी रखा। उनके पिता ने उनकी खेलों में रुचि को पहचानते हुए पढ़ाई पर भी समान ध्यान देने को कहा।

भविष्य के लक्ष्य

वैभव बचपन से ही फुटबॉल के प्रति आकृषित रहे हैं और भविष्य में पुर्तगाल की किसी प्रसिद्ध फुटबॉल अकादमी में दाखिला लेकर पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी बनने का सपना देखते हैं।

सफलता की प्रेरणा

वैभव की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा है। RIMC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में चयनित होना उनकी कड़ी मेहनत,निष्ठा और समर्पण का परिणाम है। उनकी कहानी उन अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।

उत्तराखंड: देहरादून से मसूरी अब सिर्फ 15 मिनट में, जानिए 300 करोड़ के रोप-वे प्रोजक्ट की बेमिसाल खूबियां…

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Dehradun to Mussoorie in just 15 minutes, know the unique features of the 300 crore ropeway project
Dehradun to Mussoorie in just 15 minutes, know the unique features of the 300 crore ropeway project (Image Source: Social Media)

देहरादून से मसूरी की दूरी तय करने में फिलहाल डेढ़ से तीन घंटे का वक्त लगता है, लेकिन शीघ्र ही यह सफर मात्र 15-20 मिनट का रह जाएगा। यह संभव होगा देहरादून-मसूरी रोपवे की मदद से, जो आपको एक यादगार तथा खूबसूरत यात्रा का अनुभव कराएगा।

रोपवे परियोजना पर एक नजर

देहरादून और मसूरी के बीच रोपवे का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। परियोजना के तहत 5.5 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक ऑटोमैटिक ट्रॉली सिस्टम होगा। स्वचालित दरवाजों से लैस ये ट्रॉलियां एक घंटे में करीब 1300 यात्रियों को मसूरी पहुंचाने में सक्षम होंगी।

प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं

• लोअर टर्मिनल: देहरादून के पुरकुल गांव में स्थित होगा।

• अपर टर्मिनल: मसूरी के गांधी चौक पर बनाया जाएगा।

• मल्टीलेवल पार्किंग: पुरकुल गांव में 10 मंजिला पार्किंग का निर्माण, जिसमें 2000 से अधिक वाहन खड़े किए जा सकेंगे।

• पर्यटक सुविधाएं: पार्किंग स्थल पर कैफेटेरिया, शौचालय तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

• प्राकृतिक नज़ारे: सफर के दौरान पर्यटक हरे-भरे पहाड़ों और प्राकृतिक सौंदर्य और दृश्यों का आनंद उठा सकेंगे।

परियोजना की कुल लागत और समयसीमा

यह रोपवे परियोजना 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। पर्यटन विभाग के अनुसार, 2026 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने की पूरी उम्मीद है। इसके बाद देहरादून और मसूरी के बीच आवागमन बेहद सुगम,आसान और वक्त बचाने वाला होगा।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

रोपवे परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यटकों के लिए भी वरदान साबित होगी। ट्रैफिक जाम से बचने और वक की बचत के साथ, यह यात्रा पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करेगी।

शीघ्र ही देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना उत्तराखंड के पर्यटन में एक नया आयाम जोड़ेगी।

Good News: मलेथा से रानीहाट के बीच रेलवे की 4 किमी लम्बी सुरंग हुई आर-पार

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Rishikesh karnprayag railway project update 4 km long tunnel passed between Maletha and Ranihat
Rishikesh karnprayag railway project update 4 km long tunnel passed between Maletha and Ranihat (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। टिहरी जिले में मलेथा से रानीहाट के बीच 4 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सफलता के बाद परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने जश्न मनाया।

परियोजना का महत्व

यह रेलवे परियोजना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तहत, हिमालय क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने पर यात्रा का समय कम होगा, साथ ही पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रमुख सुरंग का निर्माण कार्य पूरा

शनिवार की देर रात, मलेथा से रानीहाट के बीच 4.06 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग को सफलतापूर्वक आरपार किया गया। इस दौरान परियोजना प्रबंधक राजेश अरोड़ा ने बताया कि सुरंग निर्माण में 800 से अधिक कर्मचारी लगे हुए थे। निर्माण कार्य रेल निर्माण कार्य रेल मंत्रालय और आरवीएनएल के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया।

इसके पहले, जुलाई 2024 में एस्केप टनल का कार्य पूरा हुआ था। मुख्य सुरंग में लाइनिंग का काम पूरा होने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।

कर्मचारियों और अधिकारियों का योगदान

इस उपलब्धि को लेकर परियोजना से जुड़े सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में उत्साह का माहौल है। सुरंग निर्माण में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जा सका।

भविष्य की दिशा

इस परियोजना के 86% कार्य को पूरा कर लिया गया है और अनुमान है कि 2026 के अंत तक इस मार्ग पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। परियोजना के पूरा होने पर यह क्षेत्र कनेक्टिविटी के साथ-साथ पर्यटन और रोजगार के अवसरों में भी नई ऊंचाइयां छुएगा।

 

उत्तराखंड की नीलम ने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ रचा इतिहास, उड़ाई गेंदबाजों की धज्जियां…

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Uttarakhand's Neelam created history by scoring a double century in ODI cricket
Uttarakhand's Neelam created history by scoring a double century in ODI cricket( Image Source: Social Media)

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर की 18 वर्षीय नीलम भारद्वाज ने महिला वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। भारतीय सीनियर महिला वनडे टीम की ओर से नागालैंड के खिलाफ खेलते हुए नीलम ने लिस्ट ए क्रिकेट में 137 गेंदों पर 202 रनों की शानदार पारी खेली। उन्होंने इस शानदार पारी में 27 चौके और 2 छक्के लगाकर प्रदेश का नाम रोशन किया। यह कारनामा करने वाली नीलम सबसे कम उम्र की पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।

टीम को दिलाई बड़ी जीत

नीलम की इस ऐतिहासिक पारी की बदौलत उत्तराखंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 2 विकेट पर 371 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में नागालैंड की टीम मात्र 112 रनों पर सिमट गई, और उत्तराखंड ने यह मुकाबला 259 रनों के भारी अंतर से जीत लिया।

संघर्ष भरा बचपन, बुलंद हौसले

नीलम का बचपन बेहद संघर्षपूर्ण व कठिन रहा। उनका परिवार झुग्गी बस्ती में रहता था, और उनके पिता, नरेश भारद्वाज, दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। लेकिन 2020 में एक प्लाईवुड फैक्ट्री में एक हादसे के कारण नीलम के पिता का निधन हो गया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई।

नीलम ने मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानी। उन्होंने क्रिकेट को अपनी प्रेरणा और सहारा बनाया। 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू करने वाली नीलम ने महज 12 साल की उम्र में अंडर-19 क्रिकेट ट्रायल्स में भाग लिया और उत्तराखंड महिला क्रिकेट टीम का अंग बनीं। उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।

प्रेरणा की स्त्रोत बनीं नीलम

नीलम भारद्वाज की यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए बड़े गर्व का विषय है। उनके कठिन संघर्ष और सफलता की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं।

बधाईयों का लगा तांता

नीलम की इस ऐतिहासिक पारी के बाद से उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं। क्रिकेट के क्षेत्र में नीलम ने जो पहचान बनाई है, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का काम करेगी। उनके बुलंद हौंसले और शानदार प्रदर्शन ने उत्तराखंड के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।