1956 के मेलबर्न ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले अमेरिकी धावक बॉबी जो मोरो (Bobby Joe Morrow) का शनिवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। विश्व एथलेटिक्स ने मोरो के निधन पर दुख व्यक्त किया। अपने छोटे करियर के दौरान भी, उन्होंने 11 विश्व रिकॉर्ड बनाए। वह दुनिया के उन चार पुरुष खिलाड़ियों में से एक है जिन्होंने ओलंपिक खेलों में ओलंपिक 100 मीटर, 200 मीटर और 4×100 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीते हैं। उनके अलावा बाकी के तीन खिलाड़ी जेसी ओवेन्स (1936), कार्ल लुईस (1984) और उसेन बोल्ट (2012 और 2016) है जिन्होंने यह कारनामा कर रखा है।
बॉबी जो अक्टूबर 1935 में हरलिंगन में जन्मे और सैन बेनिटो के एक फार्म (Farm) में पले-बढ़े। मोरो ने पहली बार हाई स्कूल में फुटबॉल खेलते समय अपनी स्पीड का उपयोग किया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्प्रिंटिंग पर ध्यान केंद्रित कर दिया। वह जल्द ही ऑलिवर जैक्सन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय एथलेटिक्स टीम में स्टैंडआउट परफॉर्मर बन गए।
1956 में मोरो ने 20 वर्ष की आयु में अपने युवा करियर के एक बेहतरीन साल का आनंद लिया। उस साल उन्होंने NCAA चैंपियनशिप में 100 मीटर और 200 मीटर डबल जीता और फिर यूएस ओलंपिक ट्रायल में मोरो ने मेलबर्न ओलंपिक खेलों में अपना स्थान पक्का किया। ओलिंपिक से कुछ दिन पहले उन्हें एक वायरस ने जकड़ लिया। वायरस के कारण उनका वजन में 4.53 किलोग्राम कम हुआ, लेकिन मोरो ने हार नहीं मानी और उन्होंने आराम से 100 मीटर की प्रतियोगिता में गौल्ड मैडल जीत लिया। तीन दिन बाद उन्हें 200 मीटर की रेस करनी थी लेकिन तब उनकी जांघ पर स्ट्रैपिंग हो गया और उन्हें उसी चोट के साथ ही प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। उन्होंने 200 मीटर की उस प्रतिस्पर्धा में भी 20.6 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
मोरो ने अपने ओलंपिक अभियान में तीसरा स्वर्ण पदक भी जीता और उसमें उन्होंने एक और विश्व रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था। इस बार उन्होंने और उनकी टीम ने 4*100 मीटर की रेस में 1936 (यानी पूरे 20 साल) से चल रहे विश्व रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था। मोरो और उनकी टीम ने 39.5 सेकंड में 1936 से चल रहे ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ अपने देश के लिए 4*100 में स्वर्ण पदक जीता। 1956 में उनकी उपलब्धियों के कारण मॉरो को स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड ‘स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर’ का अवार्ड भी दिया गया।