बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चीनी कंपनी वीवो (Vivo) आईपीएल का स्पॉन्सर बना रहेगा। उन्होंने यह तब कहा जब चीन और भारतीय सेना के बीच गालवान घाटी में झड़प हो गयी, और देश में लोग चीनी समान का बहिष्कार कर रहे हैं। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए और 43 चीनी सैनिक भी मारे गए।
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि “हमारे द्वारा इस कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह पांच साल का सौदा है और जारी रहेगा। जहां तक चीन विरोधी भावना का सवाल है तो मैं खुद सभी चीनी उत्पादों का बहिष्कार करता हूँ। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप में और BCCI एक संगठन के रूप में, देश पहले स्थान पर आता है। लेकिन हमें एक चीनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देने और स्पॉन्सरशिप को सुरक्षित करने के बीच अंतर करना होगा। इससे भारत में ही पैसा आ रहा है।” उन्होंने तर्क दिया कि जब तक एक चीनी कंपनी को भारत में अपने उत्पाद को बेचने और भारतीय उपभोक्ता से पैसा बनाने की अनुमति है, तब तक उस पैसे (Sponsorship) को भारत से बाहर जाने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए, यह मेरा तर्क है।
जुलाई 2017 में, विवो ने बेस प्राइस से 267% अधिक प्रीमियम देकर 2,199 करोड़ रुपये में 5 साल के लिए आईपीएल को स्पॉन्सर करने का सौदा किया है। संयोग से, दूसरा सबसे बड़ा बोली लगाने वाला ओप्पो (oppo) था, एक अन्य चीनी स्मार्टफोन ब्रांड जिसने 1,430 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। वीवो ने स्टार इंडिया के साथ भी मीडिया अधिकारों के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट उन्होंने 16,347 करोड़ रुपये में किया जो कि 5 साल के लिए मान्य है।