ग्रीम स्वान को इंग्लैंड के बेहतरीन स्पिनरों में से एक माना जाता है। साल 2011 में इंग्लैंड को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर पहुंचाने में इनका बहुत बड़ा योगदान था। और वह उस समय नंबर वन वनडे बॉलर भी थे। ग्रीम ने 2013-2014 के एशेज सीरीज के बाद अंतरास्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया था और तब से वह कमेंटेटर का कार्य करते हैं। आपको बता दें इंग्लैंड की पिचें (Pitches) तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल है और स्पिन गेंदबाजों के लिए कुछ खास नहीं है। लेकिन फिर भी स्वान उन पिचों में भी खतरनाक गेंदबाजी करते थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी विदेश में अपने रिकॉर्ड के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। भारत में घातक साबित होते हुए भी अश्विन को विदेशी पिचों में विकेट हासिल करने में काफी कठिनाइयाँ हुई है। आपको बता दें, अश्विन ने भारत में 38 टेस्ट खेलें हैं जिसमें उन्होंने 22.68 के एवरेज से 254 विकेट झटके हैं। तो वहीं न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे देशों में उन्होंने 21 मैचों में 37.86 की औसत से मात्र 68 विकेट ही झटके हैं।
स्वान ने कहा कि “इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भारत के मुकाबले खेल पूरी तरह अगल है। भारत में गेंद कम उछाल और ज्यादा स्पिन होती है, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में इसके बिल्कुल विपरीत परिस्थितियां है। अश्विन इंग्लैंड में इसलिए संघर्ष करते हैं क्योंकि वहां की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है।” यह भी पढ़े: कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने ढेर किये 3 आतंकी, 3 जवान भी हुए जख्मी
उन्होंने यह भी कहा कि “साल 2018 में जब अश्विन इंग्लैंड आये थे, तो उन्होंने पहले टेस्ट मैच में काफी अच्छी गेंदबाजी की थी। लेकिन चोट के चलते वह अगले टेस्ट में कुछ खास नहीं कर पाए। अगर सच बताऊं, तो वह विदेशी पिचों के लिए भी अच्छे गेंदबाज है, हालांकि उन्हें विदेशों में कम आंका जाता है। उन्हें ज्यादा कुछ अलग करने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे तब बिल्कुल भी पसंद नहीं आया जब उन्होंने कुछ समय के लिए लेग स्पिन गेंदबाजी करनी शुरू कर दी थी।” अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो कृप्या हमें नीचे दिए गए लिंक के जरिये गूगल ऐप पर भी फॉलो करें…. Dainik circle news par