भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि विराट कोहली समझते हैं कि एक क्रिकेटर के रूप में उन्हें असली सम्मान टेस्ट क्रिकेट में सफलता से ही मिलेगी। द्रविड़, जिसे ‘द वॉल’ के नाम से जाना जाता है, ने भी कहा कि टेस्ट बल्लेबाज़ी देखना अब रोमांचक हो गया है क्योंकि बल्लेबाज़ अधिक आक्रामक शॉट खेलते हैं।
द्रविड़ ने संजय मांजरेकर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बातचीत में कहा कि क्रिकेट में रक्षात्मक बल्लेबाजी करना बेकार नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि खिलाड़ियों के पास एक अच्छी आक्रामक तकनीक हो तो तब भी वह टेस्ट क्रिकेट में सफल करियर बना सकता है।
47 वर्षीय द्रविड़ ने यह भी कहा कि सभी युवा खिलाड़ी अपने शुरुआती दिनों के दौरान खेल के तीनों फॉरमेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि युवा खिलाड़ियों के साथ उनकी बातचीत के दौरान उन्हें यह मालूम हुआ कि हर युवा खिलाड़ी का आइडल (Idol) वह होता है जिसने खेल के तीनों फॉरमेट में सफलता हासिल की हो।
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द्रविड़ क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी हैं जो दो 300 से अधिक वनडे साझेदारी में शामिल हैं। उन्होंने भारत के लिए 164 टेस्ट, 344 वनडे और एक T20 खेला है। द्रविड़ ने मार्च 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
उन्होंने 48 अंतर्राष्ट्रीय शतकों के साथ अपना करियर समाप्त किया और वह अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकेडमी (NCA) के प्रमुख हैं। द्रविड़ ने अपने खेल के दिनों में भी टीम की कप्तानी भी की है और उन्ही की कप्तानी में भारत इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीत दर्ज करने में कामयाब रहा।