वीरेंद्र सहवाग को भारत के सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर के विभिन्न चरणों में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे शीर्ष बल्लेबाजों के साथ पारी की शुरुआत की है। सहवाग पहली गेंद से ही गेंदबाजों पर प्रहार करना शुरू कर देते थे। उन्होंने विश्व के बेहतरीन गेंदबाजों की भी काफी धुनाई की है। तेंदुलकर के बाद ही वनडे में दोहरा शतक बनाने वाले सहवाग दूसरे खिलाड़ी थे। वह टेस्ट क्रिकेट में ट्रिपल टन का स्कोर बनाने वाले पहले भारतीय भी थे। उन्होंने यह उपलब्धि दो बार हासिल की है, यानी उन्होंने अपने करियर में दो बार ट्रिपल सेंचुरी बनाई है।
लेकिन अगर सहवाग मध्य क्रम (middle order) में खेलते रहते तो आज कुछ और ही होता। क्योंकि उस समय भारतीय मिडिल आर्डर काफी स्ट्रांग तंग जिसमें सचिन, गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी थे। इसलिए मिडिल आर्डर में अपना स्थान बनाना सहवाग के लिए कठिन हो जाता, खासकर टेस्ट क्रिकेट में।
कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के पूर्व निदेशक जॉय भट्टाचार्य ने कहा कि सौरव गांगुली की एक सलाह ने सहवाग की क्रिकेटिंग लाइफ बदल कर रख दी थी। भट्टाचार्य ने कहा कि उस समय के भारतीय कप्तान गांगुली ने सहवाग से कहा कि “मिडिल आर्डर में बहुत भीड़ है। अगर आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं, तो आपको ओपन करना ही होगा। मिडिल आर्डर में तेंदुलकर, लक्ष्मण, द्रविड़ और मैं हूँ इसलिए आपको यहां मौका मिलना मुश्किल है। इसी कारण युवराज सिंह इतने सालों तक टेस्ट क्रिकेट में जगह नहीं बना पाए क्योंकि मध्य क्रम में भीड़ है। जाओ और ओपन करो।”
सहवाग ने पहली बार 2001 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में भारत के लिए ओपनिंग की थी। पहली ही गेंद पर वह बिना खाता खोले आउट हो गए थे। लेकिन गांगुली सहवाग के साथ थे और अगले ही मैच में सहवाग ने अपना पहला वनडे शतक जड़ा। अपने करियर में, सहवाग ने 104 टेस्ट मैचों में 23 शतकों के साथ 8,586 टेस्ट रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए 251 एकदिवसीय मैच भी खेले जिसमें उन्होंने कुल 8,273 रन बनाए है जिसमें 15 शतक भी शामिल है।
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो कृप्या हमें नीचे दिए गए लिंक के जरिये गूगल ऐप पर भी फॉलो करके हमारा हौसला बढ़ाये…. Dainik circle news par